EPS क्या है ? इसकी गणना कैसे करें | EPS Kya Hai In Hindi 2023

इस लेख में आप जानेंगे कि EPS Kya Hai In Hindi ? EPS Full Form in Hindi, EPS के प्रकार, EPS की गणना कैसे करें और EPS का इस्तेमाल कहाँ किया जाता है। हां, यह लेख हर निवेशक और शेयर बाजार के बारे में जानने वाले लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए EPS को समझने के लिए लेख को अंत तक पढ़ें।

जब आप शेयर बाजार में निवेश करना शुरू करते हैं तो आपको ऐसे शब्द सुनने को मिलते हैं जिनके नाम आप पहली बार सुन रहे हैं, कई बार नए निवेशक इन शर्तों को नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन आपको बता दें कि शेयर बाजार में इस्तेमाल होने वाला बहुत ज़रूरी शब्द है ।

शेयर बाजार के अंदर इनमें से एक टर्म है EPS, जिसकी मदद से आप किसी भी स्टॉक के प्रॉफिट का पता लगा सकते हैं। आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको इसी EPS के बारे में बताने जा रहे हैं,

तो बिना किसी देरी के आज का ब्लॉग पोस्ट शुरू करते हैं और शुरू से जानते हैं कि EPS क्या है हिंदी में।

EPS का पूरा नाम (EPS Full Form In Hindi)

EPS का Full Form Earning Per Share है, जिसे हिंदी में Earning Per Share कहते हैं।

  • EPS Full Form – Earning Per Share
  • Hindi meaning of EPS – Earning Per Share.

शेयर बाजार में EPS क्या है (EPS Kya Hai In Hindi)

शेयर बाजार में, EPS (प्रति शेयर कमाई) एक अनुपात है जो बताता है कि किसी कंपनी का एक सामान्य शेयर एक निश्चित समय अवधि में कितना लाभ कमा रहा है। यानी कंपनी का एक शेयर आपको एक साल में कितना प्रॉफिट दे रहा है, उसे EPS कहते हैं।

EPS बताता है कि कंपनी अपने स्टॉक के प्रत्येक शेयर के लिए कितना पैसा कमाती है, सरल शब्दों में इसे कंपनी के कुल लाभ में विभाजित किया जाए तो प्रत्येक शेयर के हिस्से में कितना लाभ आएगा, यह EPS है।

किसी कंपनी का EPS जितना अधिक होता है, उसे उतना ही अधिक लाभदायक माना जाता है। EPS की गणना आमतौर पर हर साल की जाती है, कभी-कभी EPS की गणना त्रैमासिक भी की जाती है।

EPS अनुपात शब्द का उपयोग पीई अनुपात की गणना के लिए किया जाता है।

EPS Kya Hai In Hindi

EPS की गणना कैसे की जाती है?

Earning Per Share (EPS) की गणना किसी कंपनी की शुद्ध आय को उसके स्टॉक में बकाया सामान्य शेयरों की संख्या से विभाजित करके की जाती है। लेकिन इसमें भी प्रेफर्ड डिविडेंड को कंपनी की नेट इनकम से घटाया जाता है। क्योंकि यह डिविडेंड साधारण शेयर होल्डर्स को नहीं बल्कि कंपनी के प्रेफरेंस शेयर होल्डर्स को दिया जाता है।

EPS की गणना निम्न सूत्र द्वारा की जाती है –

आय प्रति शेयर (EPS) = (शुद्ध आय – पसंदीदा लाभांश) / सामान्य शेयर बकाया।

एक उदाहरण से देखते हैं, मान लीजिए कि किसी कंपनी को एक वित्तीय वर्ष में 11 लाख रुपये का शुद्ध लाभ होता है और इसमें से कंपनी को अपने प्रेफरेंस शेयर होल्डर्स को 1 लाख रुपये डिविडेंड के रूप में देने होते हैं। यदि वर्ष के अंत में कंपनी के कुल बकाया शेयर 10,000 हैं, तो कंपनी का EPS होगा –

(11,00,000 – 1,00,000 / 10,000) = 100

इस कंपनी का EPS 100 रुपये है, यानी यह कंपनी साल में अपने 1 शेयर से 100 रुपये कमाती है। अगर आपके पास इस कंपनी के 100 शेयर हैं तो आप इससे सालाना 10 हजार कमा रहे हैं।

 

EPS के प्रकार

EPS को मुख्यतः दो भागों में बांटा गया है –

  • Basic EPS
  • Diluted EPS

आइए इन दोनों को अच्छे से समझते हैं।

1 – Basic EPS क्या है?

Basic EPS में, कंपनी की शुद्ध आय को उसके बकाया शेयरों से विभाजित किया जाता है, Basic EPS की गणना कंपनी के बकाया इक्विटी शेयर को ध्यान में रखकर की जाती है। गणना में केवल सामान्य शेयरों को शामिल किया जाता है। ऊपर के इस लेख में अभी तक हमने सिर्फ Basic EPS के बारे में ही बताया है।

Basic EPS वित्तीय मीडिया में सबसे अधिक रिपोर्ट किया जाने वाला आंकड़ा है, और यह EPS की सबसे सरल परिभाषा भी है।

  • मूल EPS की गणना करने का सूत्र = (शुद्ध आय – पसंदीदा लाभांश) / सामान्य शेयर बकाया।

2 – Diluted EPS क्या है?

Diluted EPS में, कंपनी की शुद्ध आय को उसके सभी बकाया शेयरों से विभाजित किया जाता है जिसमें सामान्य शेयर, कर्मचारी स्टॉक विकल्प, पसंदीदा शेयर, वारंट आदि शामिल होते हैं। Diluted EPS की गणना करने के लिए सभी सामान्य शेयरों के साथ परिवर्तनीय शेयर भी शामिल होते हैं।

डायल्यूटेड EPS निम्नलिखित सूत्र से प्राप्त होता है –

  • Diluted EPS = (शुद्ध आय – पसंदीदा लाभांश) / बकाया सामान्य शेयर + सभी परिवर्तनीय शेयर।

EPS का उपयोग

अब तक के लेख को पढ़ने के बाद आप समझ गए होंगे कि शेयर बाजार में EPS क्या है और EPS की गणना कैसे की जाती है। अब आपके मन में भी एक सवाल आ रहा होगा कि EPS का इस्तेमाल कहां किया जाता है, आइए इसके बारे में भी जान लेते हैं –

  • EPS को देखकर कंपनियों की आर्थिक स्थिति का अंदाजा लगाया जाता है, अगर किसी कंपनी का EPS हर साल बढ़ रहा है, तो इसका मतलब है कि कंपनी अच्छा मुनाफा कमा रही है।
  • कंपनी के पिछले कुछ सालों के EPS को देखकर निवेशक तय कर सकते हैं कि उन्हें कंपनी में निवेश करना चाहिए या नहीं।
  • EPS के जरिए एक ही सेक्टर की अलग-अलग कंपनियों की तुलना की जा सकती है।
  • EPS से पता चलता है कि कंपनी के एक शेयर से कितनी कमाई हो रही है।
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FAQ :- Earning Per Share क्या है? EPS Kya Hai In Hindi

Q. शेयर बाजार में EPS क्या है?

शेयर बाजार में EPS एक ऐसा अनुपात है जिससे यह पता चलता है कि किसी कंपनी का एक शेयर एक वित्त वर्ष में कितना मुनाफा कमा रहा है।

Q. EPS का Full Form क्या होता है?

EPS का Full Form Earning Per Share होता है।

Q. EPS कैसे निकाला जाता है?

EPS की गणना करने के लिए, कंपनी की शुद्ध आय को कुल बकाया शेयरों से विभाजित किया जाता है। इस कैलकुलेशन के बाद हमें किसी भी कंपनी की EPS Value मिल जाती है।

Q. किसी कंपनी का EPS कैसे चेक करें?

किसी भी कंपनी का EPS चेक करने के लिए आप कंपनी का प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट चेक कर सकते हैं, लगभग सभी कंपनियां इसमें अपने Basic और डायल्यूटेड EPS की जानकारी देती हैं। इसके अलावा आप इंटरनेट पर Monrycontrol जैसी वेबसाइट से भी कंपनी का EPS चेक कर सकते हैं।

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Conclusion :- EPS Kya Hai In Hindi

EPS के जरिए किसी भी कंपनी की आर्थिक स्थिति का पता लगाया जा सकता है, अगर किसी कंपनी का EPS हर साल गिरता है तो इसका मतलब है कि उस कंपनी पर बहुत बड़ा संकट आने वाला है और अगर किसी कंपनी का EPS हर साल बढ़ता है तो इसका मतलब है कंपनी हर साल बाजार में अच्छा प्रदर्शन कर रही है।

निवेशकों के लिए निवेश संबंधी निर्णय लेने के लिए EPS भी बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए हमने आपको EPS के बारे में पूरी जानकारी दी है। अगर आपको इस लेख से कोई समस्या आती है तो आप अपनी समस्या कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अगर आपको यह लेख “EPS Kya Hai In Hindi” पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें।

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